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हरेली पर छत्तीसगढ़ के सभी स्कूल थे बंद, पर BSP स्कूलों में चलती रही कक्षाएं, 3 घंटे बाद अचानक छुट्‌टी से अफरा-तफरी

हरेली पर छत्तीसगढ़ के सभी स्कूल थे बंद, पर BSP स्कूलों में चलती रही कक्षाएं, 3 घंटे बाद अचानक छुट्‌टी से अफरा-तफरी
  • रविवार रात से ही बारिश हो रही थी। बारिश गिरे, कड़ाके की ठंड पड़े या गर्मी रहे। बच्चे बराबर स्कूल जाते हैं। आज भी बरसते बारिश में दोपहर 2:00 बजे तक स्कूल में रहने की मानसिकता के साथ बच्चे स्कूल गए।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सूचित किया जाता है कि कलेक्टर के आदेशानुसार आज दिनांक17.07.2023 को हरेली के उपलक्ष्य में अवकाश घोषित किया गया है। अत: पालक आकर बच्चों को स्कूल से लेकर जाएं। अपने ऑटो वाले को फोन करके तुरंत सूचित करें। यह मोबाइल मैसेज भिलाई स्टील प्लांट के स्कूल प्रबंधन की ओर से सोमवार सुबह 11 के आसपास पालकों को भेज गए। यह मैसेज मिलते ही घरों में हड़कंप मच गया। अपने-अपने बच्चों को स्कूल से लाने के लिए भगदड़ मची। काेई खुद भागता दिखा तो कोई पड़ोसी को फोन कर बच्चे को स्कूल से उठाने की गुहार लगाता रहा।

छत्तीसगढ़ के बड़े त्यौहार हरेली के दिन सोमवार दिन में 11 बजे के आसपास बीएसपी स्कूलों में अफरातफरी का माहौल रहा। कलेक्टर के आदेश का हवाला देते हुए हरेली के उपलक्ष में स्कूल की छुट्टी की घोषणा कर दी गई। छत्तीसगढ़ शासन के आदेश पर अनुसार हरेली पर छत्तीसगढ़ के स्कूल बंद रहते हैं। किंतु बीएसपी के स्कूलों में कक्षाएं चल रही थी।

स्कूल चालू होने के 3 घंटे बाद अचानक छुट्टी की घोषणा कर दी गई। कुछ बच्चों को उनके पालक स्कूल छोड़ा कर अपने काम पर निकल जाते हैं। कुछ बच्चे टेंपो, टैक्सी, ऑटो से आते हैं। बड़े बच्चे अपने साधन से स्कूल आते हैं। ऐसे में यदि अचानक छुट्टी की घोषणा कर दी जाए तो वे बच्चे वापस अपने घर कैसे जाएंगे, इसके बारे में भी प्रबंधन सीरियस नहीं था, जिसके चलते अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। इस मामले को लेकर पालकों ने यूनियन नेताओं को भी जानकारी दी। इसके बाद शिक्षा विभाग में फोन घनघनाता रहा।

इसके पहले भी बीएसपी प्रबंधन पर लग चुके हैं आरोप
पालकों ने सूचनाजी.कॉम को बताया कि इसके पहले भी भिलाई इस्पात संयंत्र का शिक्षा विभाग अन्य स्कूलों से अलग हटकर स्कूल चलाता है। भले ही छत्तीसगढ़ शिक्षा मंत्रालय अथवा छत्तीसगढ़ शासन ने किसी खास पर्व पर छुट्टी की घोषणा की हो। साल भर में कितने दिन स्कूल चलाया जाना आवश्यक है इसके लिए एक मापदंड बना हुआ है, इन सबको देखते हुए स्कूलों का संचालन होता है। किंतु एक शहर के अंदर शासन के आदेश के बावजूद कुछ स्कूल बंद रहे एवं कुछ स्कूल चालू रहे तो, ना केवल बच्चों पर इसका असर पड़ता है बल्कि पलकों के बीच भी चर्चा का विषय बन जाता है।

बच्चे बरसते बारिश में गए थे स्कूल
रविवार रात से ही बारिश हो रही थी। बारिश गिरे, कड़ाके की ठंड पड़े या गर्मी रहे। बच्चे बराबर स्कूल जाते हैं। आज भी बरसते बारिश में दोपहर 2:00 बजे तक स्कूल में रहने की मानसिकता के साथ बच्चे स्कूल गए। किंतु जैसे ही लगभग 3 घंटे बाद स्कूल की छुट्टी की घोषणा हो गई।

बच्चे तो घर जाने के लिए खुशी के साथ आतुर हो उठे। बड़े बच्चे घर की तरफ रवाना भी हो गए। किंतु आफत तो छोटे बच्चों को लेकर हो गई। जब तक उनके पालक नहीं आएंगे, उन्हें नहीं भेजा जा सकता। यह जिम्मेदारी स्कूलों पर भी थी, जिसे शिक्षकों ने निभाया भी, किंतु वक्त रहते छुट्टी की घोषणा हो जाती तो इस अफरातफरी से बचा जा सकता था।

अन्य स्कूलों में शनिवार को ही कर दी थी छुट्टी की घोषणा
महत्वपूर्ण प्रश्न यह भी है कि जब अन्य स्कूलों में शनिवार को ही छुट्टी की घोषणा कर दी गई थी, तो फिर बीएसपी स्कूल सोमवार को 11:00 बजे इसकी घोषणा क्यों की गई। बीएसपी शिक्षा विभाग द्वारा यह कहा जाना समझ से परे है कि शासन का आदेश उचित माध्यम से भिलाई इस्पात संयंत्र शिक्षा प्रबंधन के पास देरी से पहुंचा है, क्योंकि भिलाई के अंदर छोटे-छोटे स्कूलों में भी हरेली के अवसर पर सोमवार को स्कूल बंद रहने की सूचना शनिवार को ही पहुंच गई थी।

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